Ambedkar Jayanti 2023: आज 14 अप्रैल है, भारतीय संविधान के निर्माता समाज सुधार डॉ. बीआर अंबेडकर की जयंती (Ambedkar Jayanti 2023)। 14 भाई-बहनों में सबसे छोटे डॉ. अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1981 को मध्यप्रदेश के महू में हुआ था।
दलित परिवार में जन्मे बाबासाहेब का बचपन बड़े भेदभाव का सामना करते हुए बीता। स्कूल में पढ़ाई में काबिल होने के बावजूद भी उनसे अछूत की तरह व्यवहार किया जाता था और उनको स्कूल की आखिरी पंक्ति में बैठना पड़ता था। उस दौर में छुआछूत जैसी समस्याएं व्याप्त होने के कारण उनकी शुरुआती शिक्षा में काफी परेशानी आई, लेकिन उन्होंने जात पात की जंजीरों को तोड़ अपनी पढ़ाई पर ध्यान दिया और स्कूली शिक्षा पूरी की।
1913 में अंबेडकर ने अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी से लॉ, इकोनॉमिक्स और पॉलिटिकल साइंस में डिग्री प्राप्त की। उन्होंने भारत में लेबर पार्टी का गठन किया, आजादी के बाद कानून मंत्री बने। दो बार राज्यसभा के लिए सांसद चुने गए बाबा साहेब संविधान समिति के अध्यक्ष रहे। समाज में समानता की अलख जलाने वाले अंबेडकर को 1990 में भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘भारत रत्न’ से भी सम्मानित किया गया।
क्यों मनाई जाती है डॉ. भीमराव आंबेडकर जयंती (Ambedkar Jayanti Significance)
डॉ. भीमराव अंबेडकर ने कमजोर और पिछड़ा वर्ग को समान अधिकार दिलाने, जाति व्यवस्था का कड़ा विरोध कर समाज में सुधार लाने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। यही वजह है कि बाबा साहेब की जयंती को भारत में जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न जैसी सामाजिक बुराइयों से लड़ने, समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने जाति व्यवस्था का कड़ा विरोध कर समाज में सुधार लाने का काम किया है।
अंबेडकर सिर्फ दलित वर्ग के लिए नहीं बल्कि महिलाओं व श्रमिकों के अधिकारों के लिए भी लड़े। वह चाहते थे कि महिलाओं को समाज में बराबरी का हक मिले। वे कहते थे कि मैं किसी समाज की प्रगति का आकलन यह देखकर करूंगा कि वहां की महिलाओं की स्थिति कैसी है।
उनके जन्मदिन को देश के कई हिस्सों में राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है। उनके अनुयायी आज भी ‘जय भीम’ के नारे के साथ उनका सम्मान करते हैं। आज के दिन हमें बाबासाहेब के प्रेरक विचारों को जिंदगी में उतारने का संकल्प लेना चाहिए।’
हैदराबाद में सीएम करेंगे प्रतिमा का अनावरण
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव शुक्रवार को हैदराबाद में डॉ. अंबेडकर की 125 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करेंगे। राव ने हाल ही में अंबेडकर प्रतिमा के उद्घाटन, नए सचिवालय भवन परिसर के उद्घाटन और अन्य मुद्दों को लेकर मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक की थी।
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