योग का जीवन में अपना ही महत्व है। योग शरीर, मन और आत्मा को नियंत्रित करता है। इसलिए आज हम बात करेंगे शलभासन के बारे में। शलभासन के कई फायदे (Benefits of Shalabhasan) होते हैं। शलभासन के नियमित अभ्यास से आप कई बीमारियों से बचे रह सकते हैं।
शलभासन करने का तरीका
सबसे पहले आप किसी स्थान पर चटाई बिछाकर बैठ जाएं और फिर उल्टे पेट के बल लेट जाएं। पेट को जमीन के नीचे रखें और पीठ को ऊपर रखें। अब दोनों पैरों को सीधा रखें और पैर के पंजे को सीधे तथा ऊपर की ओर रखें। अपने दोनों हाथों को सीधा करें और उनको जांघों के नीचे दवा लें।
अपना दायां हाथ दाए जांघ के नीचे और बाया हाथ बांई जांघ के नीचे दबा लें। इस आसन के दौरान अपने सिर और मुंह को सीधा रखें। अब एक गहरी सांस अंदर की ओर लें और दोनों पैर को ऊपर उठाने की कोशिश करें। इस मुद्रा में कम से कम 20 सेकंड तक रहने की कोशिश करें। इसके बाद आप धीरे-धीरे सांस को बाहर छोड़ते हुए पैरों को नीचे करें। दोबारा अपनी प्रारंभिक स्थिति में आ जाए। इस अभ्यास को 3-4 बार करें।
शलभासन के फायदे – Benefits of Shalabhasan
शलभासन शरीर का वजन को कम करने के लिए एक अच्छी योग मुद्रा है। यह शरीर में चर्बी को खत्म करने में भी मदद करता है। शरीर की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए शलभासन बहुत ही उपयोगी है। यह शरीर के हाथों, जांघों, पैरों और पिंडरी को मजबूत करने का काम करता है।
शलभासन करने से पेट की चर्बी कम होती है। इससे पेट सुंदर बनता है। यह रीड की हड्डी को मजबूत करने का सबसे अच्छा तरीका है। पाचन तंत्र को ठीक करने में भी शलभासन बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसे रोजाना करने से पेट संबंधी बीमारियां नहीं होती हैं। शलभासन कब्ज की समस्या को खत्म करने में मदद करता है। यह योग करने से शरीर में अम्ल की मात्रा और छार का संतुलन बना रहता है।