पश्चिम बंगाल में पिछले तीन वर्षों के दौरान बच्चों के खिलाफ अपराध में तेजी से वृद्धि हुई है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो की ताजा रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। हालांकि यह उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से अभी भी कम है।
मंगलवार को नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो ने भारत में 2020 के अपराधों का रिपोर्ट जारी किया। रिपोर्ट में बच्चों के खिलाफ अपराधों में एमपी सबसे ऊपर है। यहां पर 17, हजार 08 केस दर्ज किए गए।
इसके बाद उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र का नंबर आता है। यहां पर क्रमशः 15 हजार 271 और 14 हजार 371 मामले दर्ज किए गए। चौथे नंबर पर पश्चिम बंगाल है जहां पर बच्चों के साथ अपराध के 10 हजार 248 मामले सामने आए।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि साल 2020 में बच्चों के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध पश्चिम बंगाल में बढ़े। यहां बच्चों के खिलाफ अपराधों में 63 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
तमिलनाडु में 44 फीसदी, जम्मू-कश्मीर में 28 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वहीं राजस्थान में 27 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। झारखंड और ओडिशा में ऐसे मामले 21 फीसदी बढ़े हैं।
रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि बंगाल में साल 2018 में बच्चों के खिलाफ अपराध के 6286 मामले आए आए थे। 2019 में ये घटकर 6 हजार 191 रह गए और फिर 2020 में यह बढ़कर 10 हजार 248 तक पहुंच गए।
2011 की जनगणना के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में बच्चों की आबादी करीब 3 करोड़ के आसपास है। वहीं, बच्चों के खिलाफ अपराध की दर राज्य में 34 प्रतिशत है। दिल्ली में बच्चों के खिलाफ अपराध की दर 91 फीसदी है।