Jammu And Kashmir News: जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने दावा किया है कि उन्हें नजरबंद कर दिया गया है। महबूबा ने रविवार को दावा किया कि उन्हें कश्मीरी पंडित सुनील कुमार भट के परिवार से मिलने से रोकने के लिए उन्हें नजरबंद किया गया था। भट को हाल ही में शोपियां में आतंकवादियों ने गोली मार दी थी।
मुफ्ती ने ट्विटर पर श्रीनगर के गुप्कर इलाके में अपने आवास के बंद दरवाजों के बाहर खड़ी CRPF (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) की एक गाड़ी की तस्वीरें साझा कीं। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की ‘संवेदनहीन नीतियों’ के कारण कश्मीरी पंडितों की हत्या हुई है।
GOI wants to push the plight of Kashmiri pandits under the rug because its their callous policies that’ve led to unfortunate targeted killings of those who chose not to flee. Projecting us mainstream as their enemy is why Ive been placed under house arrest today. pic.twitter.com/GliRJaJX45
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 21, 2022
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की ‘संवेदनहीन नीतियों’ के कारण कश्मीरी पंडितों की हत्याएं हुई हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत सरकार अपनी संवेदनहीन नीतियों के जरिये कश्मीरी पंडितों की दशा को और बदतर बनाना चाहती है। इन नीतियों के चलते उन लोगों की निशाना बनाकर हत्या की गई, जिन्होंने पलायन नहीं करने का फैसला किया। हमें अपने मुख्य दुश्मन के रूप में पेश करने की सोच के तहत मुझे आज नजरबंद करके रखा गया है’।
महबूबा ने कहा कि भट के परिवार से छोटीगाम में मिलने की उनकी कोशिशों को प्रशासन ने नाकाम कर दिया। उन्होंने कहा, “वही प्रशासन का दावा है कि हमें अपनी सुरक्षा के लिए नजरबंद रखा गया है, जबकि वे खुद घाटी के कोने-कोने में जा सकते हैं”।
उन्होंने कहा कि चुनावी लोकतंत्र के ताबूत में यह आखिरी कील है। उन्होंने कहा कि मतदान से अब लोगों का विश्वास उठ गया है। उन्होंने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि आज उन्होंने कश्मीर का संविधान और झंडा छीन लिया, कल वे आपका अधिकार भी छीन लेंगे।
महबूबा मुफ्ती ने हाल ही में इस मुद्दे पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में महबूबा ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर की मतदाता सूची में 25 लाख से ज्यादा गैर-स्थानीय मतदाताओं को शामिल किया जा रहा है। जो चुनावी लोकतंत्र के ताबूत में आखिरी कील है। अगर उनमें हिम्मत होती तो संसद के जरिए करते, मैं इसे कानूनी मानती। 2024 के चुनाव के बाद वे देश के संविधान को भी खत्म कर देंगे और भगवा ध्वज में देश का झंडा लहराएंगे। वे इस देश को भाजपा राष्ट्र बनाना चाहते हैं।