जावेद अख्तर को शिवसेना ने दिया जवाब, आरएसएस और तालिबान की तुलना स्वीकार नहीं

सामना में शिवसेना ने कहा कि देश में जब-जब राष्ट्रद्रोही ताकतें उफान पर आती हैं, जावेद अख्तर उन लोगों के मुखौटे फाड़ते हैं। उन्होंने कट्टरपंथियों की परवाह किए बिना वंदे मातरम गाया है। फिर भी संघ की तुलना तालिबान से करना हमें स्वीकार्य नहीं है।

जावेद अख्तर का बयान

जावेद अख्तर द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और तालिबान की तुलना किए जाने पर शिवसेना ने इसका जवाब दिया है। अपने मुखपत्र सामना में शिवसेना ने कहा कि यह तुलना सही नहीं है। आरएसएस अगर तालिबानी विचारों वाला होता तो तीन तलाक के खिलाफ कानून न बना होता। लाखों मुस्लिम महिलाओं को आजादी नहीं मिलती।

शिवसेना ने सामना में लिखा कि देश में बहुसंख्यक हिंदुओं की आवाज को दबाया न जाए। हमारे देश को हिंदू राष्ट्र बनाने का प्रयास करने वाले जो संगठन हैं, उनकी हिंदू राष्ट्र निर्माण की अवधारणा सौम्य है।

सामना में शिवसेना ने कहा कि देश में जब-जब राष्ट्रद्रोही ताकतें उफान पर आती हैं, जावेद अख्तर उन लोगों के मुखौटे फाड़ते हैं। उन्होंने कट्टरपंथियों की परवाह किए बिना वंदे मातरम गाया है। फिर भी संघ की तुलना तालिबान से करना हमें स्वीकार्य नहीं है।

शिवसेना ने मुखपत्र में लिखा, तालिबानी शासन समाज के साथ-साथ मानव जाति के लिए बड़ा खतरा है। पाकिस्तान, चीन जैसे राष्ट्रों ने उसका समर्थन किया है। हिंदुस्तान की मानसिकता वैसी नहीं है। हम सहिष्णु हैं। लोकतंत्र के बुरखे की आड़ में कुछ लोग तानाशाही लाने का प्रयास कर रहे हैं, फिर भी उनकी एक सीमा है। इसलिए यह तुलना उचित नहीं है।

शिवसेना ने कहा कि तालिबान ने अफगानिस्तान को नर्क बना दिया है। महिलाओं पर वहां जुर्म हो रहे हैं। लाखों लोग देश छोड़कर जाने पर मजबूर हैं। हमारा हिंदुस्तान वैसा नहीं है।

हालांकि बीजेपी ने शिवसेना पर हमला करते हुए कहा है कि जलेबी की तरह गोल-गोल बात न करें। शिवसेना स्वीकार कर रही है कि जावेद अख्तर का बयान गलत है। इसके बावजूद अभी तक उनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई। किसने उन्हें रोका है।

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