अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद पाकिस्तान लगातार किसी न किसी प्रकार से समर्थन देने की कोशिश में लगा है। कई मौको पर पाकिस्तानी नेता तालिबान की तारीफ करते भी नजर आ रहे हैं। पिछले दिनों पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे को भारत की हार बताया था।
इस बीच तालिबान की उम्मीदों को उनके पड़ोसी ने ही झटका दे दिया है। अफगानिस्तान के पड़ोसी देश तजाकिस्तान ने तालिबान को तगड़ा झटका देते हुए तालिबान को अफगान सरकार के रूप में मान्यता देने से मना कर दिया।
बुधवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से तजाकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमोन ने दो टूक लहजे में कहा कि उनका देश तालिबान को अफगानिस्तान की वैध सरकार के रूप में मान्यता नहीं देगा।
बता दें कि तालिबान के लिए अब संकट खड़ा हो गया है। तजाकिस्तान को रूस का काफी करीबी माना जाता है। इस वजह के तजाकिस्तान का यह चेहरा चौकाने वाला है, क्योंकि रूस तालिबान के प्रति थोड़ा उदार है।
बैठक के बाद बकायदा बयान जारी करते हुए तजाकिस्तान के राष्ट्रीय सूचना एजेंसी खोवर ने राष्ट्रपति के हवाले से कहा कि जो अफगानिस्तान देश में उत्पीड़न के माध्यम से बनी है, इस तरीके के किसी भी सरकार को तजाकिस्तान मान्यता नहीं देगा।
खोवर ने कहा कि हम ऐसी किसी भी सरकार को मान्यता नहीं देंगे जो अफगान लोगों की स्थिति को ध्यान में न रखते हुए, खासकर सभी अल्पसंख्यकों को ध्यान में रखे बिना बनी हो। राष्ट्रपति रहमोन और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के बीच बैठक के दौरान ही ताजिकिस्तान ने यह ऐलान किया कि वह अफगानिस्तान में उत्पीड़न से बनी किसी भी सरकार को मान्यता नहीं देगा।