अफगानिस्तान में महिलाओं का प्रदर्शन तेज हो गया है। तालिबान से अपने अधिकारों के लिए महिलाएं लड़ रही हैं। अब यह प्रदर्शन काबुल से बढ़कर उत्तर-पूर्वी प्रांत बदख्शां पहुंच गया है। बदख्शां में भी महिलाएं सड़क पर उतर गई हैं।
इस बीच तालिबान ने फिर से अपनी सोच को जगजाहिर किया है। तालिबान ने महिलाओं को लेकर बेतुका बयान दिया है। तालिबानी प्रवक्ता सैयद जकीरूल्लाह हाशमी ने कहा- एक महिला मंत्री नहीं बन सकती है। किसी महिला का मंत्री बनना ऐसा है, जैसे उसके गले में कोई चीज रख देना, जिसे वो नहीं उठा सकती है।
जकीरूल्लाह हाशमी ने आगे कहा – महिलाओं के लिए कैबिनेट में होना जरूरी नहीं है। उन्हें बच्चे पैदा करना चाहिए। उनका यही काम है। महिला प्रदर्शनकारी अफगानिस्तान की सभी महिलाओं का प्रतिनिधित्व नहीं कर रही हैं।
पत्रकारों को कोड़ों से पड़ रही मार
तालिबान लड़ाके महिलाओं के प्रदर्शन को कवर करने वाले पत्रकारों को कोड़ों से मार रहे हैं। दो पत्रकारों को 4 घंटे तक बंधक बनाए रखा और कपड़े उतरवाकर कर बेंत, चाबुक और बिजली के तारों से पिटाई की। दोनों के शरीर पर घाव के गहरे जख्म बन गए हैं।
बताया जा रहा है कि इन पत्रकारों का कसूर सिर्फ इतना था कि इन्होंने काबुल में अपने अधिकारों और पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महिलाओं की न्यूज कवर किया था।