डायबिटीज की समस्या से कैसे छुटकारा पाएं? दोस्तों भारत में चाय के महत्व को तो आप जानते ही होंगे। दोस्तों के साथ पार्टी करनी हो या फिर शाम के समय टहलने के लिए पार्क में जाना हो। अगर साथ में चाय की चुस्की मिल जाए तो मजा दुगनी हो जाती है। चाय पीने से इंसुलिन के स्तर को संतुलित करने में मदद मिलती है। शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को भी कम किया जा सकता है। आज हम जानेंगे डायबिटीज की समस्या को कंट्रोल करने में चाय की क्या भूमिका हो सकती है?
आजकल गलत खानपान और गलत लाइफस्टाइल के कारण लोग डायबिटीज से ग्रसित हो जाते हैं। रिपोर्ट की माने तो भारत में टाइप टू डायबिटीज ज्यादा मात्रा में पाई जाती है। यह चीन के बाद दूसरा देश है जहां यह डायबिटीज पाई जाती है। ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने के लिए हर्बल चाय का उपयोग किया जा सकता है।
डायबिटीज कंट्रोल करने के तरीके
ग्रीन टी के फायदे
ग्रीन टी में एंटी ऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर में सूजन और डैमेज सेल को कम करने में मदद करता है। ग्रीन टी हमारे इंसुलिन के स्तर को भी संतुलित करने में मदद करता है। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि रोजाना 6 या उससे अधिक कप ग्रीन टी पीने से डायबिटीज के टाइप टू का खतरा 33% कम हो जाता है।
इसके अलावा ग्रीन टी का सेवन करने से वजन को नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है। ग्रीन टी वजन घटाने के साथ-साथ आपकी नींद में भी सुधार लाता है।
ब्लैक टी के फायदे
ग्रीन टी की तरह ही ब्लैक टी का भी इस्तेमाल फायदेमंद होता है। एक साधारण काली चाय इंसुलिन के स्तर को प्रतिबंधित करने में मदद कर सकती है। ब्लैक टी में एंटी ऑक्सीडेंट और रक्त में शर्करा की मात्रा को कम करने वाले गुण पाए जाते हैं।
एक शोध के अनुसार, रोजाना दो से तीन कप ब्लैक टी का सेवन करने से इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है। ब्लैक टी शरीर में प्राकृतिक शुगर के स्तर को प्रतिबंधित करता है।
दालचीनी की चाय
ग्रीन टी और ब्लैक टी की तरह दालचीनी की चाय भी डायबिटीज की समस्या में काफी राहत प्रदान करती है। भारत में लोग दालचीनी का इस्तेमाल भोजन के स्वाद को बढ़ाने में करते हैं। दालचीनी का प्रयोग कई तरह के औषधि के रूप में भी किया जाता है।
दालचीनी में एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो टाइप टू डायबिटीज और इंसुलिन में लाभदायक होते हैं। चाय में दालचीनी की एक छोटा सा टुकड़ा मिलाकर पीने से मोटापा को कम करने में मदद मिलता है। इसके साथ-साथ हृदय रोग को कम करने में मदद करता है।
नोट- यह एक सामान्य जानकारी है। उपयोग से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।