Navratri 2022: मां दुर्गा के नौ स्वरूप और उनका महत्व
मां शैलपुत्री: मां दुर्गा के पहले अवतार का नाम मां शैलपुत्री हैं। पहले दिन कलश स्थापना के साथ इनकी पूजा भी की जाती है। मां शैलपुत्री ने पर्वतराज हिमालय के घर पर कन्या के रूप में जन्म ली थीं।
मां ब्रह्मचारिणी: मां दुर्गा के दूसरे अवतार का नाम मां ब्रह्मचारिणी है। नवरात्रि के दूसरे दिन इनकी पूजा की जाती है। ब्रह्मचारिणी का अर्थ है, जो ब्रह्मा के द्वारा बताए गए आचरण पर चले।
मां चंद्रघंटा: मां दुर्गा के तीसरे अवतार का नाम मां चंद्रघंटा है। नवरात्रि के तीसरे दिन इनकी पूजा होती है। माता के माथे पर घंटे के आकार का आधा चंद्र होने के कारण इन्हे चंद्रघंटा कहा गया है।
मां कूष्मांडा: मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा हैं। कूष्मांडा का अर्थ कुम्हड़ा है। मां ने पूरे ब्रह्मांड को उत्पन्न करने की क्षमता है, इसलिए इनका नाम कूष्मांडा पड़ा।
मां स्कंदमा: मां दुर्गा के पांचवें अवतार का नाम स्कंदमाता हैं। स्कंदमाता का अर्थ है स्कंद कुमार की माता से। स्कंद कुमार भगवान कार्तिकेय का दूसरा नाम है। इसी कारण वह स्कंदमाता के गोद में बैठे हुए दिखाई देते हैं।
मां कात्यायनी: मां दुर्गा का छठा अवतार मां कात्यायनी हैं। कात्यायिनी ऋषि कात्यायन की पुत्री हैं। कात्यायन ऋषि ने मां दुर्गा की बहुत तपस्या की थी और उन्हें प्रसन्न करके ऋषि ने वरदान में मांग लिया कि देवी दुर्गा उनके घर पुत्री के रुप में जन्म लें।
मां कालरात्रि: मां दुर्गा का सातवां स्वरूप मां कालरात्रि हैं। नवरात्रि के सातवें दिन इनकी पूजा की जातकी है। आलौकिक शक्तियों, तंत्र सिद्धि, मंत्र सिद्धि के लिए इन देवी की उपासना की जाती है।
मां महागौरी: मां दुर्गा का आठवां अवतार मां महागौरी हैं। नवरात्र के आठवें दिन यानी दुर्गाष्टमी के दिन इनकी पूजा की जाती है। पार्वती का सबसे उत्कृष्ट स्वरूप है। माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तप किया तो उनका शरीर काला पड़ गया था।
मां सिद्धिदात्री: मां दुर्गा का नौवां अवतार मां सिद्धिदात्री हैं। मां कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है। लेकिन मां हमेशा शुभ फल देने वाली मानी जाती हैं। इसलिए इन्हें शुभड्करी भी कहा जाता है।